हिंदी शायरी - दर्द भरी शायरी, Hindi Shayari -Sad Shayari - Shayari - शायरी 2025.
देख तो ले जी भर कर कुछ कहेंगे नहीं ,,
तेरी बदसलूकी की कहानी किसी से कहेंगे नहीं ,,
जितना मर्जी सताना है तुझे सता ले मुझे ,,
अब तो मर चुके है हम , फिर से जियेंगे नहीं ,,,
तू रहा मेरे पास , लेकिन तेरी कमी हमेशा रही ,,
इस दिल मैं तेरी आस जलती बुझती रही ,,
कोई कितना कठोर हो सकता है , ये पहले नहीं जाना हमने ,,
मैं तड़पता रहा तेरे सामने और तू हंसती रही ,,,
अगर दिल की बात है , तो दिल तक ही रहने दो ,,
आंसू को आँखों से दूर ही रहने दो ,,
अगर मिल जायेंगे दोनों , तो बिग जायेंगे मेरे ये लव्ज ,,
खामोश अच्छा लगता हूँ , मुझे खामोश ही रहने दो ,,,
तू ना सही तेरा वक़्त मिल जाता ख़फ़ी था ,,
मेरे बुरे वक़्त में तेरा अच्छा वक़्त मिल जाता ख़फ़ी था ,,
पर तुझे जाना था , तू चला गया छोड़ के मुझे ,,
में तेरे साथ हूँ हमेशा , तेरा इतना कहना हे काफी था ,,,
तू है सबसे अलग , ये वेहम था मेरा ,,
तू देगा साथ मेरा , ये वेहम था मेरा ,,
किसी की भी सुने बगैर , यकीन किया तेरा ,,
तू है बस मेरा , ये वेहम था मेरा ,,,
तड़पता हूँ तेरे लिए पर तेरी जरुरत नहीं ,,
मुझे तुझे चाहने के लिए भी , तेरी जरुरत नहीं ,,
शराब पीता हूँ , हर तरह के नशे करता हूँ में ,,
मुझे कूद को मिटने के लिए भी तेरे जरुरत नहीं ,,,
मिलना मुश्किल है उनका इस जन्म में ,,
इसलिए इंतज़ार करना बंद कर दिया है मेने ,,
वो नहीं आएगी लौट कर , ये सोंच कर ,,
सोंचना बंद कर दिया है मैंने ,,,
तेरी सूरत मैं तेरी सीरत नहीं दिखी मुझे ,,
इसीलिए धोका खा गया मैं ,,
तेरे प्यार में आंधा हुआ इस कदर ,,
खुद ही खुद के हाथ से ज़हर खा गया मैं ,,,
तुझसे उम्मीद लगाई क्यों थी ,,
तू मेरे सामने आई क्यों थी ,,
काश के न लगता तुझसे दिल ये मेरा ,,
तुझे न भूलने की कसम खाई क्यों थी ,,,
शर्त लगनी छोड़ दी है मैंने ,,
में नहीं जीत पाया ,,
शर्त लगनी छोड़ दी है मैंने ,,
में नहीं जीत पाया ,,
उसने भुला दिया है मुझे , में उसे भूल नहीं पाया ,,
देख कैसे चिल्ला रही है तू , चिक रही है मुझपे ,,
तेरी नियत साफ़ नहीं लगती ,,
बदल गई है तू ,,
तू मुझे पहले जैसी पाक क्यों नहीं लगती ,,,
तू बोल तो देता एक बार , मैं खुद हार जाता ,,
तुझपे सारे जंहा की खुशियाँ वार जाता ,,
क्यों किया धोखे से वार तूने मुझपे ,,
इशारा तो किया होता मैं खुद ही खुद को मार देता ,,,
ज़िद पूरी तेरी हुईं , मेरा क्या ,,
तू खुद मुझसे अलग हुआ , मेरा क्या ,,
कर ली तूने तेरे मन की , और मिला क्या तुझे ,,
जान तो मेरी गई तेरा क्या ,,,
जिंदगी भर तेरा इंतजार कर लेंगे ,,
बिना कुछ कहे एक तरफा प्यार कर लेंगे ,,
तुझे बदनाम नहीं होने देंगे , चाहे जो हो जाए ,,
हम खुद ही खुद को बदनाम कर लेंगे ,,,
यूं तो लबों से मुस्कुराए लेटें है ,,
खुद को बेफिक्र सुलाए बैठे है ,,
अब क्या फर्क पड़ता है , किसी के बाहर से जलाने से ,,
हम अंदर ही अंदर खुद को जलाए बैठे है ,,,
दिल रोता किसी को दिखाई नहीं देता ,इसलिए सब तोड़ देते है
जिससे प्यार निभाया नहीं जाता , वो साथ छोड़ देते है ,,
किस्से करे शिकायत , किस्से करे गिला ,,
जिसपे करते है यकीन , वो भरोसा तोड़ देते है ,,,
मुझको जीने का शौक नहीं , तू कहे तो मर जहूं ,,
मुझको जीने का शौक नहीं , तू कहे तो मर जहूं ,,
अगर खुशी मिलती है तुझे , मुझे तड़पता हुआ देखकर ,,
तो तेरे सामने तड़प तड़प के मर जहूं ,,
सोच के शर्म आती है , किसको चाहा था मैंने ,,
किसके लिए सबको छोड़ा था मैंने ,,
जब देखा मैंने खुदको मारने वाले को ,,
किस बेहूदा इंसान को खुदा माना था मैंने ,,,
मुझमें खामियां बहुत है , तो नेक तू भी नहीं ,,
धोखेबाज अगर में हूं , तो ईमानदार तू भी नहीं ,,
एक दूसरे को बेपर्दा करके क्या मिलेगा हमें ,,
क़ातिल अगर में हूं , तो बेगुनाह तू भी नहीं ,,,
मंज़िल मिली पर रास्ता भूल गए हम ,,
उसको पाते पाते सबको भूल गए हम ,,
किसी को चाहना गुनाह बन गया मेरा ,,
गैरों के चक्कर में , अपनों को भूल गए हम ,,
वो दूर मुझसे होती रही , में चुप चाप उसे देखता रहा ,,
वो धीरे धीरे किसी की होती है , में चुप चाप उसे देखता रहा ,,
मैं कर सकता था , उससे पाने की कोशिश ,,
चुप रहने की कसम दी थी उसने , इसलिए चुप चाप उसे देखता रहा ,,
उसकी बेवफ़ाई को अपनी तक़दीर मान बैठे थे हम ,,
अपनी तक़दीर को अपनी बीमारी मान बैठे थे हम ,,
वो फिर आए हमारे सामने अपना प्यार लेकर ,,
जिस मोहब्बत से नफ़रत करके बैठे थे हम ,,
अक्सर दिल तोड़ने वाले , मासूम दिखते है ,,
कोई कीमत नहीं इनकी ये मुफ्त में बिकते है ,,
दिल क्या जान भी देदो इन्हें तुम ,,
ये फिर भी किसी को नहीं मिलते है ,,,
वो कहते थे , हम में एब है बहुत ,,
पर दिल के नेख है , बहुत ,,
इसलिए बीच रास्ते साथ छोड़ दिया हमरा ,,
क्योंकि उनके पास , प्यार करने वाले थे बहुत ,,
उसकी आंखों में नमी है , बहुत ,,
शायद किसी के लिए रोती है , बहुत ,,
यूंही नहीं लगती है वो , काजल आंखों में ,,
कोई दर्द तो है , जिससे छुपाती है बहुत ,,