Love Shayari - लव शायरी, Romentic Shayari - हिंदी शायरी, Shayari 2025, New Letest Shayari
तुझे देख लेता हूँ , सुकून मिल जाता है ,,
बातो से तेरी दिल को , आराम मिल जाता है ,
जब भी मिले मुस्कुरा कर मिला कर ,,
क्योकि तेरा उदास चेहरा मुझे नुकशान दे जाता है ,,
बिना तेरे ख्वाब नहीं आते ,,
किसी और के लिए ऐसे जज्बात नहीं आते ,,
मजबूर है हम भी क्या करें ,,
तेरे सीवा तुझ सा हसीन , हम किसी और मैं देख नहीं पाते
दिल ही नहीं अपनी जान उनके नाम कर बैठे है ,,
उन्हें क्या पता उनसे , कितना प्यार कर बैठे है ,,
तकलीफ होती है हमें ,जब चोट उन्हें लगती है ,,,
लगता है जैसे ,दो जिस्म एक जान कर बेटे है ,,,
शराब पीने की अब आदत हो गई है ,,
लगता है किसी से मोहब्बत हो गई है ,,,
पूरी दुनियां की परवा न करने वाले को ,,,
आज किसी एक इंसान की जरूरत हो गई है ,,,
मुझे पता है मैंने खोया क्या है ,,
वो ही तो था मेरे पास ,अब बचा क्या है ,,
यूं तो ज़माने भर की खुशियां है मेरे पास ,,
लेकिन उसके बिन जिंदगी में मजा क्या है ,,,
तू दूर सही मजबूर सही , फिर भी तुझे चाहता रहूंगा ,,
हर एक पल , हर एक लम्हा तुझे ये अहसास दिलाता रहूंगा ,,
तू कितनी खास है मेरे लिए , ये तू नहीं जानती ,,
में तुझे तेरे ख्वाब में भी आकर , ये बताता रहूंगा ,,,
मेरी धूप की झांव है तू ,,
मेरी दंडक की आह है तू ,,
तू है तो सुकून है जिंदगी में ,,
मेरी हर समस्या का समाधान है तू ,,
दे दे सहारा बस तू , और क्या चाहिए ,,
तेरे ख्वाबों में बस में रहूं , और क्या चाहिए ,,
दुनिया मांगे चाहे कुछ भी , मुझे क्या ,,
तू मेरा रहे बस , और क्या चाहिए ,,,
जिंदगी भर तेरा इंतजार कर लूंगा ,,
बिना कुछ कहे , एक तरफा प्यार कर लूंगा ,,
तुझे बदनाम नहीं होने दूंगा , चाहे जो हो जाए ,,
मैं खुद ही , खुद को बदनाम कर लूंगा ,,
सच कह दूं क्या , साथ चाहिए तुम्हारा ,,
मुझे बस ऐसास चाहिए तुम्हारा ,,
बिना तुम्हारे एक पल भी जी नहीं सकता हूं में ,,
सच कहूं तो बस प्यार चाहिए तुम्हारा ,,,
तुझे पाने के लिए ज़िद पर आड़े है हम ,,
तुझे क्या पता , किस किस से कितना लड़े है हम ,,
एक तू ही अंजान है , इस जहां में मेरे इश्क से ,,
वरना इस दुनिया में , तेरे नाम से बदनाम पड़े है हम। ,,,
मेरे मुकद्दर में तू न सही तो न सही ,,
तुझे खुश देखकर प्यार निभा लेंगे हम ,,
तुझे पाने की कोशिश की थी मैने ,,
ये सोंच सोंच कर उम्र बीता लेंगे हम ,,,
तुझे खोने से डरता हूं ,,
बस यही अपराध करता हूं ,,
एक जिस्म एक जान न हो बालाएं ,,
तेरे हर एक दर्द को महसूस करता हूं ,,,
मैंने तुझे चाहा है ,बिना सोच समझ कर ,,
अपना बना ले तू मुझे ,अपना समझ कर ,,
तेरे लिए चांद तारे तोड़कर न ला सकू भलेही ,,,
लेकिन तुझे जान से ज्यादा चाहेंगे,ल , अपनी जान समझ कर
तू जो मिला सवर गए हम ,,
तेरे संग निखर गए हम ,,
खुद की तारीफ करते नहीं ते कभी ,,
सच कहे तो ,तेरे इश्क में सुधर गए हम ,,,
तुझे देख सब भूल गया हूं में ,,
तेरे इसके में उलझ गया हूं में ,,
अब कुछ याद रहता नहीं तेरे सीवा ,,
खुद का नाम भी भूल गया हूं में ,,
दिन बीत जाता है , बात नहीं बनती ,,
तेरे इंतजार में रात नहीं कटती ,,
कुछ तो हुआ है तू ही बता दे ज़रा ,,
कौनसी बीमारी हुई है , जिसमें सिर्फ मुझे तूही है दिखती ,,,
नज़र क्या मिली , सब भूल गया हूं में ,,
खुद का नाम , खुद का पता खुद की दिशा भी भूल गया हूं में ,
आगे क्या बायां करू , मेरे इश्क की दास्तान ,,
छोड़ो यार वो याद आ गई , बाकि सब भूल गया हूँ में ,,
फूल तोड़कर अपने बालों में जब वो लगती है ,,
मेरा दिल ज़ोर ज़ोर से धड़काती है ,,
उससे पता है में दिल का मरीज़ हूँ ,,
शायद इसलिए मेरी जान लेना चाहती है ,,
तेरे चेहरे पर नूर अच्छा लगता है ,,
उसे देख दिल को सुकून मिलता है ,,
उदास चेहरा तुझे सुभा नहीं देता ,,
किसी पूरी हुई दुआ में , बददुआ सा लगता है ,,
तुझसे दूर होना नहीं चाहते ,,
किसी कीमत पर भी खोना नहीं चाहते ,,
तेरे होके रहेंगे सारी उम्र भर ,,
बस ये हक़ किसी को देना नहीं चाहते ,,
तुझे चाहने की कोई हद नहीं है ,,
बस कोई शर्त नहीं है ,,
भूल जाए तुझे कभी हम ,,
24 सौ घंटों में ऐसा कोई वक्त नहीं हैं ,,,
हक़ नहीं है हमको ,की हम तुझको भूल जाएं ,,
किसी कीमत पर भी तुझसे दूर जाएं ,,
ये दिल दिमाग सुनता नहीं ही आज कल हमारी ,,
अब कैसे ही तुझे अपने प्यार का यकीन दिलाए ,,,
तेरी तारीफ़ करु कैसे लब्ज़ मिलते नहीं ,,
जिसमें तू बायां हो जाए , वो अल्फ़ाज़ मिलते नहीं ,,
ख़ुदा ने शख्श ऐसा बनाया है क्या करु ,,
तुम वो सख्श हो जो जमीन पर आसानी से मिलते नहीं ,,
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